आम बजट 2025 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 कर निर्धारण वर्ष 2026-27 के लिए इन्कम टैक्स केलकुलेटर

Income Tax Calculator F.Y. 2025-26 (A.Y. 2026-27)
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(I) 0 से 4.00लाख तक 0% 0
(II) 400001 से 8.00लाख तक 5%
(III) 800001 से 12.00लाख तक 10%
(IV) 1200001 से 16.00लाख तक 15%
(V) 1600001 से 20.00लाख तक 20%
(VI) 2000001 से 24.00लाख तक 25%
(VII) 24.00 लाख से ऊपर 30%
6 आयकर योग स्लैब (I) से (VII)
7 Less :-Rebate u/s 87A ( कर योग्य आय 12,00,000 तक होने पर )
8 Less :-Marginal Tax Relief ( सीमान्त कर राहत )
9 कुल आयकर (After Rebate u/s 87A or Marginal Tax Relief)
10 Add :- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर (कुल आयकर का 4%)
11 शुद्ध देय आयकर(9+10)

सहायता एवं निर्देश

* यह केलकुलेटर आम बजट 2025 के अनुसार नई कर व्यवस्था में घोषित आयकर की दरों के आधार पर तैयार किया गया है.

Rebate u/s 87A :-

आयकर की धारा 87A के अनुसार ऐसे करदाता जिनकी करयोग्य आय (मानक कटौती 75000 घटाने के बाद ) 12,00,000 रुपये या उससे कम है, उनको अधिकतम 60,000 तक की कर छूट प्राप्त होगी अर्थात उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा

Marginal Tax Relief ( सीमान्त कर राहत ) :-

Section 87A के अनुसार करयोग्य आय 12 लाख तक होने पर करदाता को अधिकतम 60000 तक टैक्स रिबेट मिलता है और करदेयता शून्य हो जाती है परन्तु यदि करयोग्य आय 12 लाख से थोड़ी भी अधिक हो तो रिबेट नहीं मिलता है और करदाता को यह 60000 टैक्स देना पड़ता है, ऐसी स्थिति में आयकर विभाग करदाता को सीमान्त कर राहत (Marginal Tax Relief) प्रदान करता है इसके अन्तर्गत करदाता को कुल टैक्स न देकर केवल 12 लाख से ऊपर की अधिक आय को ही टैक्स के रूप में देना पड़ता है.

उदहारण के लिए यदि किसी करदाता की कुल आय 1280000 है तो उसे मानक कटौती 75000 घटाने के बाद कर योग्य आय 1205000 पर कुल 60750 टैक्स देना पडेगा परन्तु सीमान्त कर राहत के बाद उसे अधिक आय 5000 को ही टैक्स के रूप में देना होगा अर्थान उसे 60750-5000=55750 का लाभ होगा यही अन्तर Marginal Tax Relief कहलाएगा.

Marginal Tax Relief की अधिकतम सीमा :- 1200000 से अधिक आय तथा देय टैक्स जिस सीमा पर जाकर बराबर होंगे उसी सीमा तक Marginal Tax Relief अनुमन्य होगा. निष्कर्ष रूप में कर योग्य आय 1270587 तक होने पर ही Marginal Tax Relief प्राप्त होगा.

यह केलकुलेटर आम बजट में घोषित आयकर की दरों के आधार पर तैयार किया गया है, भविष्य में सम्पूर्ण ड्राफ्ट जारी होने के बाद आयकर गणना में परिवर्तन हो सकता है